हिंदू धर्म में Ekadashi का बहुत महत्व है। यह हर महीने में दो बार आती है। एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी बार कृष्ण पक्ष में। शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को “शुक्ल एकादशी” और कृष्ण पक्ष में आने वाली को “कृष्ण एकादशी” कहते हैं। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए खास माना जाता है।
Ekadashi की तारीख कैसे तय होती है?
Ekadashi हर चंद्र महीने के ग्यारहवें दिन (तिथि) को आती है। चंद्रमा के घटने और बढ़ने के हिसाब से एकादशी की तारीख तय होती है। हिंदू पंचांग में शुक्ल और कृष्ण पक्ष के आधार पर इसकी जानकारी मिलती है।
- षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त (Shattila Ekadashi Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:26 मिनट से 6:19 मिनट तक.
- विजय मुहूर्त – दोपहर 2:21 मिनट से 3:03 मिनट तक.
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 5:52 मिनट से 6:19 मिनट तक.
- निशिता मुहूर्त – रात 12:07 मिनट से 01 बजे तक.
जनवरी 2025 में Ekadashi कब है?
आने वाले समय में जनवरी 2025 की एकादशियों की तिथियां इस प्रकार हैं:
- पौष पुत्रदा एकादशीn- 10 जनवरी 2025 (शुक्ल पक्ष)
- षट्तिला एकादशी – 25 जनवरी 2025 (कृष्ण पक्ष)
Ekadashi का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि एकादशी व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मनुष्य के पाप मिटते हैं। यह दिन आत्म-शुद्धि, भक्ति और ध्यान का होता है। एकादशी व्रत को सभी पापों से मुक्ति और मोक्ष का रास्ता माना गया है।
व्रत और पूजा विधि
- व्रत रखने वाले व्यक्ति को एक दिन पहले यानी दशमी के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
- एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- व्रत में अनाज और चावल नहीं खाया जाता।
- फलाहार या दूध लेकर व्रत पूरा किया जाता है।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है।
Ekadashi वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक महत्व के साथ-साथ एकादशी का वैज्ञानिक पक्ष भी है। व्रत रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर की सफाई होती है। यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
खास बातें
- Ekadashi को उपवास करने से मानसिक शांति मिलती है।
- इस दिन बुरे विचारों से बचना और सत्य बोलना चाहिए।
- जरूरतमंदों की मदद करना भी शुभ होता है। इस प्रकार, एकादशी सिर्फ एक धार्मिक दिन नहीं है, बल्कि जीवन को शुद्ध और सकारात्मक बनाने का अवसर भी है।
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FAQ
1. षटतिला एकादशी कब है, 24 या 25 जनवरी?
उत्तर:
षटतिला एकादशी 25 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह एकादशी विशेष रूप से तिल और तेल से संबंधित पूजा विधि के लिए प्रसिद्ध है।
2. षटतिला एकादशी का महत्व क्या है?
उत्तर:
षटतिला एकादशी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन तिल से दान करने और उपवास रखने से विशेष पुण्य मिलता है। इसे देवी लक्ष्मी की पूजा से भी जोड़कर देखा जाता है।
3. षटतिला एकादशी पर किस प्रकार की पूजा करनी चाहिए?
उत्तर:
षटतिला एकादशी पर तिल से स्नान, तिल का दान और व्रत रखना शुभ माना जाता है। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व है।
4. षटतिला एकादशी व्रत का पालन कैसे करें?
उत्तर:
षटतिला एकादशी व्रत के दौरान दिनभर उपवास रखकर रात को तुलसी के पत्ते और तिल से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तिल का दान भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
5. षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसे पुण्य बढ़ाने और समृद्धि की प्राप्ति के लिए लाभकारी माना जाता है। तिल का दान करने से सभी तरह के पाप समाप्त होते हैं।
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