Makar Sankranti 2025 में कब मनाया जा रहा है और इस त्यौहार का क्या महत्व है पूरे देश में

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Makar Sankranti 2025 में कब मनाया जा रहा है और इस त्यौहार का क्या महत्व है पूरे देश में

Makar Sankranti 2025 भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और सर्दियों के समाप्त होने का प्रतीक है। मकर संक्रांति को पूरे भारत में अलग-अलग नामों और तरीकों से मनाया जाता है।

Makar Sankranti 2025 का महत्व क्या है?

Makar Sankranti 2025 का धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व है। धार्मिक दृष्टि से, यह दिन शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव से मिलने आते हैं। यह समय पुण्य कार्य करने के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व होता है,प्राकृतिक दृष्टि से यह त्योहार सर्दी के अंत और दिन-रात के बराबर होने की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन से दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। कृषि प्रधान भारत में मकर संक्रांति नई फसलों की शुरुआत का त्योहार भी है।

पूरे भारत में मकर संक्रांति का उत्सव

मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्यों में अलग नामों से मनाया जाता है।

  1. उत्तर भारत
    उत्तर भारत में इसे खिचड़ी पर्व के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग गंगा स्नान करते हैं और खिचड़ी बनाकर खाते हैं। तिल और गुड़ से बनी मिठाई जैसे लड्डू और गजक इस दिन खासतौर पर खाई जाती हैं।
  2. गुजरात और राजस्थान
    यहां Makar Sankranti 2025 पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध है। लोग सुबह से शाम तक छतों पर पतंग उड़ाते हैं और “काई पो छे” जैसे नारे लगाते हैं।
  3. पश्चिम बंगाल
    बंगाल में इसे गंगा सागर मेला के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना और गरीबों को दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
  4. तमिलनाडु
    यहां इसे पोंगल के नाम से चार दिनों तक मनाया जाता है। यह त्योहार नई फसल, गायों की पूजा और पारंपरिक पकवानों के लिए प्रसिद्ध है।
  5. महाराष्ट्र
    महाराष्ट्र में लोग तिलगुड़ बांटते हुए कहते हैं, “तिल गुड़ घ्या और गोड-गोड बोलो।” इसका अर्थ है, मीठा खाओ और मीठा बोलो।
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Makar Sankranti 2025 के खास व्यंजन

Makar Sankranti 2025 पर तिल और गुड़ का बहुत महत्व है। तिल-गुड़ के लड्डू, गजक और पिठे खास पकवान हैं। खिचड़ी भी इस दिन बनाई जाती है। तिल और गुड़ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं और सर्दियों में शरीर को गर्म रखते हैं।

2025 में Makar Sankranti 2025 किस दिन है?

Makar Sankranti 2025 को 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करेंगे, भगवान सूर्य की पूजा करेंगे और दान करेंगे। गांवों और शहरों में पतंग उड़ाने, मेलों में जाने और पारंपरिक नृत्य-गानों का आनंद लिया जाएगा।

Makar Sankranti 2025 का संदेश

Makar Sankranti 2025 , प्रेम और दान का संदेश देती है। यह त्योहार हमें प्रकृति के साथ तालमेल रखने और दूसरों की मदद करने की प्रेरणा देता है। इस दिन की खुशी को अपने परिवार और समाज के साथ मिलकर मनाना चाहिए, मकर संक्रांति का पर्व सर्दी के अंत और नई शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार हर दिल में उमंग और उत्साह भर देता है। 2025 में मकर संक्रांति को और भी धूमधाम से मनाएं और दूसरों के साथ खुशियां बांटें।

FAQ.

1. Makar Sankranti 2025 कब मनाई जाएगी?

उत्तर:
Makar Sankranti 2025 14 जनवरी को मनाई जाएगी। यह त्योहार हर साल इसी दिन के आसपास होता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।

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2. Makar Sankranti का पूरे देश में क्या महत्व है?

उत्तर:
Makar Sankranti का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह दिन सूर्य की उत्तरायण यात्रा की शुरुआत को दर्शाता है, जो शुभ माना जाता है। इस दिन लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं और अपनी बुराईयों को छोड़ने का संकल्प लेते हैं।


3. Makar Sankranti 2025 पर कौन से प्रमुख आयोजन होंगे?

उत्तर:
Makar Sankranti 2025 पर खासतौर पर पतंगबाजी, हल्दी-चूने की परंपरा, मकर संक्रांति स्नान और तिल गुड़ का आदान-प्रदान होगा। यह दिन खासतौर पर पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।


4. Makar Sankranti 2025 को कैसे मनाएं?

उत्तर:
Makar Sankranti 2025 को तिल-गुड़ के साथ खाए जाने वाले पकवानों का सेवन करें, दोस्तों और परिवार के साथ पतंग उड़ाएं और सूर्य देव की पूजा करके अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करें।


5. Makar Sankranti के दिन किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर:
Makar Sankranti के दिन ताजे तिल, गुड़ और खिचड़ी का सेवन करना शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य को अर्घ्य देना और जल का दान करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है।

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