Makar Sankranti 2025 भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है। इस दिन से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे पंजाब में लोहड़ी, असम में बिहू, तमिलनाडु में पोंगल और गुजरात व राजस्थान में उत्तरायण।
Makar Sankranti 2025 का महत्व
मकर संक्रांति का धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से बहुत महत्व है। इसे फसल के त्यौहार के रूप में भी मनाया जाता है। किसान इस समय अपनी फसलों की कटाई शुरू करते हैं और भगवान को धन्यवाद देते हैं। इस दिन को नई ऊर्जा, आशा और उत्साह का प्रतीक माना जाता है, धार्मिक दृष्टि से, मकर संक्रांति पर गंगा स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान और पूजा का कई गुना फल मिलता है। इस दिन लोग तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां खाते हैं और एक-दूसरे को बांटते हैं। तिल और गुड़ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है और यह त्यौहार मिठास और सौहार्द का संदेश देता है।
Makar Sankranti 2025 की परंपराएं
- पवित्र स्नान और पूजा : लोग सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
- दान-पुण्य : इस दिन दान करने का विशेष महत्व है। लोग गरीबों को अन्न, कपड़े और धन दान करते हैं।
- पतंगबाजी : मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा बहुत प्रचलित है, खासकर गुजरात और राजस्थान में। आकाश रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है, और हर जगह “काइट फेस्टिवल” का माहौल होता है।
- खान-पान : तिल के लड्डू, गुड़ की मिठाइयां, खिचड़ी, और गजक जैसी पारंपरिक चीजें खाई जाती हैं। यह त्यौहार स्वाद और सेहत का संतुलन बनाए रखता है।

Makar Sankranti 2025 का विशेष संदेश
मकर संक्रांति 2025 में भी नई उम्मीदों और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश लेकर आएगी। यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कठिन समय के बाद सुखद दिन जरूर आते हैं, जैसे सर्दी के बाद बसंत ऋतु का आगमन, आज के समय में मकर संक्रांति केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामुदायिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का माध्यम बन चुका है। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलते हैं, मेलों में जाते हैं और त्यौहार का आनंद लेते हैं।
Makar Sankranti 2025 का अच्छा मैसेज
पतंगबाजी के दौरान हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए। नायलॉन और चीनी मांझे का उपयोग पक्षियों और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। हमें सुरक्षित और पर्यावरण-हितैषी तरीकों से त्यौहार मनाना चाहिए।
निष्कर्ष
Makar Sankranti 2025 सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि नई शुरुआत और जीवन में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। यह दिन हमें एकता, प्रेम और दया का संदेश देता है। मकर संक्रांति 2025 को खुशी और उत्साह के साथ मनाएं, अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं और इस पावन अवसर पर दूसरों की मदद करें।
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FAQ
1. Makar Sankranti 2025 के खास संदेश क्या हो सकते हैं?
उत्तर:
Makar Sankranti 2025 पर आप अपनों को तिल-गुड़ की मिठास और पतंगों की उड़ान का संदेश भेज सकते हैं, जैसे: “इस संक्रांति, तिल-गुड़ खाओ और मीठी बातें करो, आपकी जिंदगी भी पतंग की तरह ऊँची उड़े।”
2. Makar Sankranti 2025 पर कौन से संदेश भेजें ताकि अपनों को खुशी मिले?
उत्तर:
आप इस पर्व पर स्नेह और शुभकामनाओं के संदेश भेज सकते हैं जैसे: “पतंगों की तरह ऊँचा उड़ो, तिल-गुड़ की मिठास से मीठी रहे जिंदगी, Makar Sankranti के इस खास दिन पर अपनों को ढेर सारी खुशियाँ मिले!”
3. Makar Sankranti 2025 के संदेश में क्या भावनाएँ होनी चाहिए?
उत्तर:
Makar Sankranti 2025 के संदेश में खुशी, प्यार, और समृद्धि की भावनाएँ होनी चाहिए। साथ ही, तिल-गुड़ का महत्व और नए सिरे से शुरुआत करने की शुभकामनाएँ भी होनी चाहिए, जैसे: “नए साल में नए उत्साह के साथ जीवन की राह पर कदम बढ़ाओ!”
4. Makar Sankranti के दिन अपने दोस्तों को कौन सा मजेदार संदेश भेजें?
उत्तर:
Makar Sankranti के दिन आप दोस्तों को मजेदार और हल्के-फुल्के संदेश भेज सकते हैं, जैसे: “तिल-गुड़ खाओ और पतंग उड़ाओ, इस Makar Sankranti को पूरी दुनिया से भी ऊपर उठाओ!”
5. Makar Sankranti 2025 के संदेश को कैसे और कहां भेजें?
उत्तर:
आप Makar Sankranti 2025 के संदेश को व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, या पारंपरिक कार्डों के जरिए भेज सकते हैं। डिजिटल माध्यम से आप त्वरित और खूबसूरत संदेश भेज सकते हैं, जिससे अपनों का दिन और भी खास बन जाए।
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