Life in Navodaya School ( From Waking up to going to Sleep Routine) 7 साल की सुनहरे लम्हें और अनुभव

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Life in Navodaya School( From Waking up to going to Sleep Routine)

Life in Navodaya School नवोदय विद्यालय की स्थापना और उद्देश्य

नवोदय विद्यालय जिसे जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) भी कहा जाता है इस विद्यालय की स्थापना 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत की गई थी, भारत में सबसे पहले आंध्र प्रदेश के अमरावती जिले में यह विद्यालय खुला था। इस विद्यालय का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के छात्रों के बीच शैक्षिक समानता स्थापित करना और छात्रों में शैक्षणिक सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों का विकास करना और उन्हें देश के भविष्य के लिए सक्षम नागरिक बनाना है। Life in Navodaya School is very memorable.

Life in Navodaya School नवोदय विद्यालय की विशेषताएं


​ निशुल्क शिक्षा: नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा निशुल्क दी जाती है जिसमें छात्रावास ,भजन पाठ्य पुस्तक ,स्कूल यूनिफार्म और स्वास्थ्य सुविधा भी शामिल है।

Life in Navodaya School गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

CBSE ( Central Board of Secondary Education) पाठ्यक्रम पर आधारित शिक्षा दी जाती है।
दो भाषाओं में शिक्षा: शिक्षा का मध्य क्षेत्रीय भाषा और अंग्रेजी होता है। साथ ही छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दक्षता प्राप्त करने पर जोर दिया जाता है।
​ शिक्षकों की उच्च गुणवत्ता: नवोदय विद्यालय में शिक्षक राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होते हैं जो अधिक प्रशिक्षित और योग्य होते हैं।
​ सांस्कृतिक विविधता: विद्यार्थी अलग-अलग जगह अलग-अलग धर्म से होतेहैं और एक दूसरे के बारे में जानते हैं समझते हैं साथ मिलकर रहते हैं।
​ सहपाठी संबंध: नवोदय विद्यालय में बने मित्र बहुत ही घनिष्ट और बहुमूल्य होते हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता ।
दैनिक दिनचर्या का विवरण
सुबह का समय

Life in Navodaya School

सुबह जल्दी उठना (5:00-5:30AM) छात्रों को सुबह जल्दी उठाया जाता है ताकि वे दिन की शुरुआत समय पर कर सके।
​योग या व्यायाम(5:30-6:30AM) शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक ताजगी के लिए योग, प्राणायाम या अन्य शारीरिक व्यायाम कराया जाता है ।

स्नान और तैयार होना(6:30-7:00AM छात्र स्नान करके और स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर नाश्ते के लिए तैयार होते हैं।

नाश्ता(7:00-7:30AM) सभी छात्रों को पौष्टिक नाश्ता दिया जाता है।

असेंबली (7:30-8:00AM) असेंबली जिसमें अटेंडेंस नवोदय प्रार्थना और राष्ट्रीय गान शामिल है।

Life in Navodaya School शैक्षणिक सत्र

कक्षाएं(8:00-1:30PM) नियमित विषयों की पढ़ाई होती है इनमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषय शामिल होते हैं चार क्लास के बाद बच्चों को रिसेस का टाइम दिया जाता है जिसमें बच्चों को स्नेक्स भी दिया जाता है।
​ मध्यांतर भजन(1:30-2:30PM) छात्रों को पौष्टिक दोपहर का भोजन दिया जाता है।
दोपहर की कक्षाएं(3:30-4:30PM) इस समय हर दिन अलग-अलग विषय पर पढ़ाई होती है।
अतिरिक्त गतिविधियां
अनुशासन और चरित्र निर्माण: विद्यालय में अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिसे छात्रों का समग्र विकास हो सके।
प्रतिभा निकालने का अवसर: नवोदय विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों जैसे खेलकूद ,सांस्कृतिक कार्यक्रम cluster, regional, National ,SG 5 level तक भाग लेने का अवसर मिलता है , जिस्म अलग-अलग जिले के नवोदय विद्यालय के छात्र शामिल होते हैं। एनसीसी स्काउट और गाइड आदि के माध्यम से छात्रों की प्रतिभा को निखारा जाता है।
राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा: छात्रों का राज्य के अंदर और बाहर आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिससे वे अन्य राज्य और संस्कृतियों को समझ पाते हैं।
आधुनिक बुनियादी ढांचा: विद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला , कंप्यूटर लैब , लाइब्रेरी ,खेल के मैदान और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती है ।

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Life in Navodaya School साम का समय

इवनिंग sports टाइम (4:30-6:00PM) इस समय छात्रों को मन पसंदीदा खेल खेलने और टहलने का समय दिया जाता है और उन्हें गेम की प्रशिक्षण दी जाती है।
​ संध्याकालीन आहार(6:00-6:30PM) छात्रों को चाय और स्नेक्स दिया जाता है।
Evening study(6:30-8:00PM) इस समय छात्रों को स्व अध्ययन या होमवर्क को पूरा करने के लिए कक्षाएं लगाई जाती है।
​ रात्रि का भजन(8:00-9:00PM) इस समय छात्रों को रात्रि का पौष्टिक भोजन दिया जाता है।
रात का विश्राम(10:00PM) छात्रों को समय पर सोने के लिए कहा जाता है ताकि अगले दिन के लिए तरोताजा रहे।

Conclusion:

पूर्व छात्रों के अनुभव साल में एक बार alumini meet आयोजन किया जाता है जिसमें विद्यालय से पास आउट हो चुके छात्रों को बुलाया जाता है जिसके तहत पूर्व के छात्रों द्वारा अनुभव व्यक्त किया जाता है जिससे विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को कुछ सीखने को मिलता है और सबके बीच एक अटूट रिश्ता बना रहता है। जिसमें पूर्व के छात्र बताते हैं किस तरह उन्होंने अपना 7 साल इस नवोदय में में व्यक्त कियाऔर उनके सामने क्या-क्या कठिनाइयां आई , किस तरह से उन्होंने उन कठिनाइयों का सामना किया । किस तरह जब वे सिक्स क्लास में आए थे तो घर को याद करके रोया करते थे और अब जब पास आउट हो गए तब विद्यालय और दोस्तों को याद करते हैं । विद्यालय में बने दोस्त जिनको कभी पहले हम जानते नहीं थे 7 साल की अंदर इतनी गहरी दोस्ती हो गई की पता ही नहीं चला कब 7 साल बीत गए और एक दूसरे से बिछड़ने का समय आ गया।

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जवाब: नवोदय विद्यालय में साम का समय छात्रों के लिए खेलने, पढ़ने, और अपने दोस्तों के साथ समय बिताने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय को बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है


FAQ

1. सवाल: नवोदय विद्यालय में साम का समय क्या होता है?

जवाब: नवोदय विद्यालय में साम का समय छात्रों के लिए खेलने, पढ़ने, और अपने दोस्तों के साथ समय बिताने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय को बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाता है।

2. सवाल: नवोदय विद्यालय में साम का समय कितने बजे शुरू होता है?

जवाब: नवोदय विद्यालय में साम का समय आमतौर पर शाम 4:30 या 5:00 बजे शुरू होता है। यह समय स्कूल के शेड्यूल और मौसम के अनुसार बदल सकता है।

3. सवाल: साम के समय नवोदय विद्यालय में छात्र क्या-क्या गतिविधियाँ करते हैं?

जवाब: साम के समय में छात्र विभिन्न खेलों जैसे क्रिकेट, वॉलीबॉल, फुटबॉल, कबड्डी और बैडमिंटन खेलते हैं। इसके अलावा, कुछ छात्र म्यूजिक, डांस, या आर्ट जैसी क्रिएटिव गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं।

4. सवाल: क्या नवोदय विद्यालय में साम का समय पढ़ाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है?

जवाब: हां, साम का समय पढ़ाई के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जो छात्र खेल-कूद में हिस्सा नहीं लेते, वे इस समय को लाइब्रेरी में किताबें पढ़ने या होमवर्क पूरा करने में लगाते हैं।

5. सवाल: साम के समय का नवोदय विद्यालय के छात्रों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

जवाब: साम का समय छात्रों को तनावमुक्त करता है और उन्हें ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। खेल-कूद और क्रिएटिव गतिविधियाँ उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ती है।

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