‘Suzhal – The Vortex’ Season 2 Review: मीडियोकरिटी के भंवर में घुमती हुई कहानी

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‘Suzhal - The Vortex’ Season 2 Review: मीडियोकरिटी के भंवर में घुमती हुई कहानी

‘Suzhal – The Vortex’ Season 2: क्या मीडियोकरिटी के सागर में डूब गई है यह सीरीज़?

‘Suzhal – The Vortex’ का दूसरा सीजन कुछ ऐसा साबित हुआ, जैसे कि मीडियोकरिटी का एक दिलचस्प और थ्रिलिंग संस्करण है, लेकिन दुर्भाग्यवश, यह अपने पहले सीज़न की चमक को बरकरार नहीं रख पाया। इस सीरीज़ का फर्स्ट सीज़न जहां एक ताजगी और रोमांच से भरपूर था, वहीं दूसरे सीज़न में कई बारीकियों की कमी और निरंतरता की असफलता दिखाई दी। आइए, इस रिव्यू के जरिए हम इस सीज़न के सभी पहलुओं पर चर्चा करें।

कहानी की दिशा: एक अधूरी यात्रा

‘Suzhal – The Vortex’ Season 2 की कहानी एक जबरदस्त कंफ्यूजन से भरपूर है। पहले सीज़न में हमें एक असाधारण कथानक और गहरे चरित्रों का परिचय हुआ था, जहां दर्शकों ने हर एक मोड़ पर दिलचस्प मोमेंट्स का अनुभव किया था। लेकिन, इस बार कहानी का धारा धीरे-धीरे मीडियोकरिटी में तब्दील हो जाती है। इन्क्रीमेंटल ट्विस्ट और टर्न्स के साथ, यह सीज़न अपनी जड़ों से थोड़ा हटकर चला गया, और एक बेतुकी दिशा में चला गया।

कहानी की केंद्रीय धारा पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सीज़न 2 ने दर्शकों को ज्यादा उलझाने की कोशिश की। यह सभी प्रोटैगनिस्ट की अपनी निजी कहानी को गहराई से उकेरने के बजाय, एक अमूर्त और असंवेदनशील दृष्टिकोण को अपनाता है।

प्रदर्शन: किरदारों की खोई हुई चमक

‘Suzhal – The Vortex’ के मुख्य कलाकारों के अभिनय में कोई खामी नहीं है, लेकिन, पिछले सीज़न के मुकाबले इस बार उनके पात्र कुछ हद तक फीके और नीरस लगते हैं। आर्टिस्ट का काम उम्मीद के मुताबिक था, लेकिन यह किरदारों को उस शक्ति और गहरे भावनाओं से जोड़ने में नाकाम रहे जो पहले सीज़न में दर्शकों ने महसूस किया था।

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अंग्रेजी और तमिल मिश्रित संवादों का विकल्प जो इस सीरीज़ के साथ था, वह भी बहुत सुसंगत नहीं दिखा। यह संवादों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और कभी-कभी यह दर्शकों को जुड़ने में असमर्थ बनाता है।

Suzhal – The Vortex: सिनेमाटोग्राफी और दिशा: एक अधूरी छवि

दूसरे सीज़न की सिनेमाटोग्राफी में कुछ बेहतरीन दृश्य थे, लेकिन कहानी की उथली धारा को यह भी सही तरीके से दिखाने में असमर्थ रहा। निर्देशक ने बहुत कोशिश की कि दृश्य एक नई दिशा में जाएं, लेकिन कई बार यह कठिन और नीरस लगता था। कैमरा वर्क और लोकेशंस की खूबसूरती को सही दिशा में इस्तेमाल किया जाता तो शायद यह सीज़न कुछ और बेहतर हो सकता था।

साथ ही, कथानक में जो घटनाएँ हो रही हैं, उन्हें दर्शकों के लिए आसान और रुचिकर बनाने के लिए कुछ और रचनात्मकता की आवश्यकता थी, जो इस बार नदारद रही।

संगीत और साउंडट्रैक: कुछ खास नहीं

‘Suzhal – The Vortex’ के दूसरे सीज़न का संगीत औसत था। इसमें वह खास तत्व नहीं था, जो पहले सीज़न में था और जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ता था। साउंडट्रैक का चुनाव भी उतना प्रभावी नहीं था जितना कि पहले सीज़न में था।

इस सीज़न में पृष्ठभूमि संगीत और ध्वनि प्रभाव का इस्तेमाल ठीक था, लेकिन वे सीरीज़ की कहानी की गहरी भावनाओं को उजागर करने में सक्षम नहीं हो पाए। कुछ सीन और मोमेंट्स को यदि प्रभावी साउंडट्रैक दिया जाता तो शायद यह एक नई ऊंचाई पर जा सकता था।

निष्कर्ष: मीडियोकरिटी का सागर

कुल मिलाकर, ‘Suzhal – The Vortex’ Season 2, पहले सीज़न के मुकाबले एक सीधा कदम पीछे की ओर जाता है। इसमें कुछ ऐसे ट्विस्ट थे जो दर्शकों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, ये सब बहुत ज्यादा आदर्श और बलात्कारी हो जाते हैं। जबकि पहले सीज़न ने एक रहस्यपूर्ण और जबरदस्त यात्रा दी, वही इस सीज़न में कहीं खो गया है।

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सीज़न 2 में ना तो वही ताजगी और ना ही वह मजबूत कंटेंट है, जो दर्शकों को बांधे रखे। मीडियोकरिटी की इस भंवर में घुमती हुई कहानी को देखकर यह लगता है कि ‘Suzhal – The Vortex’ एक बेहतर सफर के लिए अपने रास्ते को फिर से सुधार सकता था।

अगर आप पहली बार इसे देख रहे हैं, तो शायद आपको यह ठीक लगे, लेकिन जो पहले सीज़न के फैंस हैं, उनके लिए यह एक मायूस करने वाला अनुभव हो सकता है।

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